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७५ दिनों के लिए चुनोती एवं उसके नियम , 75 Days challenge and its rules

७५ दिन प्रोग्रैमर आवाहन  75 days programmer challenge आपने सभी ने ७५ हार्डस का नाम तो सुना ही होगा , बस उसका ही एक उन्नत संस्करण आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहे है , जो की एक कंप्युटर प्रोग्रैमर के लिए बनाया गया है , जिसमें बहुत सी चीजें हमने अपने हिसाब से डाली है , कहते है की अगर कोई ४५ दिनों तक कोई भी कार्य करे तो उसकी आदत लगा या छोड़ सकता है , इसलिए हमने ये भी ध्यान में रखा है , ये चुनोती खास कर हमने स्वयं को सुधारने के लिए ओर साथ ही मोटे ओर आलसी प्रोग्रैमर के जीवन को सुधारने के लिए बनाया है , इसमें खास प्रकार की दिनचर्या है जिसमें कुछ चीजें पक्की है तो आईए जानते है वोह दिनचर्या को परंतु उसके पहले हम देखते है ७५ दिनों की वोह चुनोती जो दुनिया अपना रही है : उसमें मुख्य रूप से हमारे पास निम्न बातें है : कोई आहार चुनिये ओर उसको अगले ७५ दिनों के लिए अपनाए  दिन में दो ४५ मिनट की कसरत करना है , जिसमें से  एक अपने गृह के बाहर की होना चाहिए  दिन में ४ लिटर पानी पीना   किसी भी काथेतर साहित्य के १० पृष्ठ पढ़ना  अपनी प्रगति की आलोकलेख्य लेना है (फोटू) और अगर इसमें से कोई भी चीज या बिन्दु किसी दिन
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कैसे कम समय में इंटरव्यू की संसक्रिया (तैयारी ) करें??

अगर आप भी अपने इंटरव्यू के लिए संसक्रिया कर रहें है तो आपको हम निराश नहीं जाने देंगे , में स्वयं कुछ ऐसी तकनीक निकाली है जिसके प्रयोग से आप अपने इंटरव्यू के एक महीने पहले संसक्रिया (तैयारी ) करके निकाल सकते है  याद रहे की ये ब्लॉग का भाग सिर्फ ओर सिर्फ कंप्युटर विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए है  तो कोई और विभाग के लोग इसपर अपना समय व्यर्थ न करें  प्रथम देखें तो आपको dsa  के प्रश्न करने के लिए कोई न कोई बढ़िया वेबसाईट चाहिए होती है तो सबसे पहले सीखने तथा प्रश्नों को लगाने के लिए geeks for geeks अतिउत्तं है , में आपको बकियों की तरह कुछ खास साइट्स नहीं बताऊँगा क्योंकि वोह तो सभी बताते है  इसलिए मेरी आपके लिए एक बहुत ही उत्तम वेबसाईट है जिसपर आप कभी भी प्रारंभ कर अंत कर उसके प्रश्न लगाकर अभी से ३ माह में पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर सकते है  वोह है https://www.techiedelight.com/ यह एक बहुत ही उत्तम वेबसाईट है  इसके बाद आती है जावा के लिए कुछ खास यूट्यूब में चैनल के लिए  तो ऐसे तो बहुत सारे है लेकिन हिन्दी में साथ ही साथ कुछ समय में भाषा को पढ़ने के लिए मुझे सबसे बड़िया दो प्लेलिस्ट लागि जो की में

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्

श्लोक करपूर गौरम करूणावतारम संसार सारम भुजगेन्द्र हारम | सदा वसंतम हृदयारविंदे भवम भवानी सहितं नमामि || मंगलम भगवान् विष्णु मंगलम गरुड़ध्वजः | मंगलम पुन्डरी काक्षो मंगलायतनो हरि || सर्व मंगल मांग्लयै शिवे सर्वार्थ साधिके | शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते || त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बंधू च सखा त्वमेव त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्वं मम देव देव कायेन वाचा मनसेंद्रियैर्वा बुध्यात्मना वा प्रकृतेः स्वभावात करोमि यध्य्त सकलं परस्मै नारायणायेति समर्पयामि || श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेव | जिब्हे पिबस्व अमृतं एत देव गोविन्द दामोदर माधवेती || हिन्दी अनुवाद: शरीर कपूर की तरह गोरा है, जो करुणा के अवतार है, जो शिव संसार के मूल हैं। और जो महादेव सर्पराज को गले में हार के रूप में धारण किए हुए हैं, ऐसे हमेशा प्रसन्न रहने वाले भगवान शिव को अपने ह्रदय कमल में शिव-पार्वती को एक साथ नमस्कार करता हूँ। इस मंत्र से शिवजी की स्तुति की जाती है। इसका अर्थ इस प्रकार है- कर्पूरगौरं- कर्पूर के समान गौर वर्ण वाले। करुणावतारं- करुणा के जो साक्षात् अवतार हैं। संसारसारं-

मां अम्बे पार्वती माता की आरती …. जय अंबे गौरी मैया जय अंबे गौरी Maa Ambe parvati ki aarti

 ।।अथ आरती श्री दुर्गा माताजी की।। जय अम्बे गौरी, मैया जय मंगल मूर्ति, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशदिन सेवत ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी।। मांग सिन्दूर विराजते, टीको मृगमद को। उज्जवल से दोउ नयना, चन्द्र बदन नीको।। जय अम्बे गौरी, मैया जय मंगल मूर्ति, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशदिन सेवत ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी।। कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै। रक्त पुष्प की गल माला, कण्ठन पर साजै।। जय अम्बे गौरी, मैया जय मंगल मूर्ति, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशदिन सेवत ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी।। केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी। सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुः ख हारी।। जय अम्बे गौरी, मैया जय मंगल मूर्ति, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशदिन सेवत ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी।। कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती। कोटिक चन्द्र दिवाकर, राजत सम ज्योति।। जय अम्बे गौरी, मैया जय मंगल मूर्ति, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशदिन सेवत ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी।। शुम्भ निशम्भु विदारे, महिषासुर घाती। धूम्र विलोचन नयना, निशदिन मदमाती।। जय अम्बे गौरी, मैया जय मंगल मूर्ति, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशदिन सेवत ध्यावत, हरि ब

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श्री अर्द्धनारीश्वर स्तोत्र

श्री अर्द्धनारीश्वर स्तोत्र चाम्बेये गौरार्थ शरीराकायै कर्पूर गौरार्थ शरीरकाय तम्मिल्लकायै च जटाधराय  नमः शिवायै च नमः शिवाय  चपंगी फूल सा हरित पार्वतिदेविको अपने अर्द्ध शरीर को जिसने दिया है कर्पूर रंग -सा जटाधारी शिव को मेरा नमस्कार. कस्तूरिका कुंकुम चर्चितायै  चितारजः पुंज विचर्चिताय कृतस्मारायै विकृतस्मराय नमः शिवायै च नमः शिवाय  कस्तूरी -कुंकुम धारण कर अति सुन्दर लगनेवाली पार्वती देवी को जिसने अपने अर्द्ध देह दिया हैं,उस शिव को नमस्कार.अपने सम्पूर्ण शरीर पर विभूति मलकर दर्शन देनेवाले शिव को नमस्कार.मन्मथ के विकार नाशक शिव को नमकार. जणत क्वणत कंगण नूपुरायै पादाप्ज राजत पणी नूपुराय  हेमांगदायै च पुजंगदाय  नमः शिवायै च नमः शिवाय कंकन -नूपुर आदि आभूषण पहने पार्वती देवी को पंकज पाद के परमेश्वर ने अपने अर्द्ध शरीर दिया है. स्वर्णिम वर्ण के उस शिव को नमस्कार. विशाल नीलोत्पल लोचनायै  विकासी पंकेरुह लोचनाय . समेक्षणायै विशामेक्षनाय नमः शिवायै च नमः शिवाय . विशालाक्षी पार्वती देवी को अपने अर्ध शरीर दिए त्रिनेत्र परमेश्वर को नमस्कार . मंदार माला कलितालकायै कपालमालंगित सुन्दराय दिव्याम्बरायै

Correct Hanuman Chalisa || शुद्ध हनुमान चालीसा

हनुमान चालीसा  Hanuman Chalisa दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।। कंचन वरन विराज सुवेसा। कानन कुण्डल कुंचित केसा।। हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। काँधे मूँज जनेऊ साजै। शंकर स्वयं केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग वन्दन।। विद्यावान गुणी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। विकट रूप धरि लंक जरावा।। भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्